Saturday, November 27, 2010

'विलुप्त आदर्शों का चित्रण..'

आज के परिवेश में घटते आदर्शों..मूल्यों पर चिंतन..

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"सुनो..जीवन की सच्चाई..
हर क्षण बिकती अच्छाई..
विलुप्त आदर्शों का चित्रण..
बेहतर..बाँट लें यह रुबाई..!!"


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Tuesday, November 16, 2010

'मूक पशुओं की सुनो पुकार..'

आज ईद पर अनगिनत मूक पशु-पक्षियों का कृन्दन हर ओर गूँज रहा है..दया और करुणा करें..अहिंसा का मार्ग अपनाएँ.. 'जीयो और जीने दो'..!!


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"मूक पशुओं की सुनो पुकार..
करते कृन्दन..
भय व्याकुलता अशांति..
आज चहुँ ओर..
हुई व्याप्त है..

हिंसा के परमाणु बसे..
क्यूँ ह्रदय में..

प्रिय है जीवन उनको भी..
करो दान..
दो उनको 'अभयदान'..

विवेक का परिचय..
उदारता का हाव..
कृतज्ञ रहेंगे सदा..
फैलाओ करुणा भाव.!"

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