माननीय प्रधानमंत्री के अस्सी वर्ष पूर्ण करने के मंगल दिवस पर उनको ढ़ेर सारी मंगल-कामनायें..!!
इस उपलक्ष्य में कुछ पंक्तियाँ यूँ ही बह चलीं हैं..
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"अस्सी में भी छूटता नहीं..
मोह ये कैसा..
जग सारा छान किया..
ना क्षेत्र कोई राजनीति जैसा..
वर्चस्व ज़माने को..
पैसा कमाने को..
कहाँ मिलेगा..
व्यापार कोई ऐसा..
बस करो अब..
फेंकना अपना जाल..
कहीं ना मिल जाए..
जो दे ऐसे को तैसा..!!!"
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Thursday, September 27, 2012
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