Thursday, December 29, 2011

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"अमन की कोशिश..
सरहद की लकीरें..
चलो..बढ़ो आगे..
तोड़ें जंजीरें..!"

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Wednesday, December 28, 2011

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"महंगाई का आलम छाया..इस कदर..
बेचारे मंत्री जी की जुबां..पर हुई ग़दर..

क्यूँ सत्ता का नशा..बेईमान कर जाता है..!"

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Thursday, December 22, 2011

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"रिश्तों का कहर ढोती ज़िन्दगी..
हर रोज़ बेमौत मरती ज़िन्दगी..

उफ़..महँगाई की फटती चादर..!!"

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