Thursday, February 24, 2011

'हर क्षेत्र भ्रष्टाचार..धोकाधड़ी..नौकरशाही..चापलूसी..से ग्रसित है..'



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समय की मांग है..आन्दोलन करना भी आवश्यक है..परन्तु क्या इस सरकार और भ्रष्ट नेताओं को मिट्टी से..सत्ता से विहीन कर सकते हैं..??? नहीं..!!!

यहाँ हर क्षेत्र भ्रष्टाचार..धोकाधड़ी..नौकरशाही..चापलूसी..लोभी जैसी तुच्छ प्रवृतियों से ग्रसित है..!! सच कहा, नेता बेचारे ही होते हैं..खुद की जेब भरने के लिये..क्या-क्या जोखिम नहीं उठाते..!!!

पर यहाँ किसको दर्द होता है..कौन परवाह करता है..???? कोई नहीं..!! किसकी कमाई से ये देश-विदेश की यात्राएं होती हैं..?? क्यूँ इन नेताओं को सुरक्षा प्रदान करी जाती है, जो स्वयं ही असुरक्षित हैं..!!! और जो स्वयं ऐसे(असुरक्षित) हैं, वो कैसे देश की रक्षा कर सकेंगे..??

हमे इन 'बेचारे' मंत्रियों की तरफ सहानुभूति रखनी चाहिए..कितना परिश्रम और दिमाग लगा कर अन्य देशों में अपना पैसा भेजते हैं..और जैसे ही किसी को भनक लग जाए..तुरंत नाम/काम बदल दूसरी दिशा में भेज देते हैं..!! सोचिये, क्या आप या हम से कोई भी ऐसा कर सकता है..??

सिर्फ पैसा कमाने से ही कुछ नहीं होता..कितने साक्षातार देने होते हैं..झूठे दाँव-पेंच लगाने होते हैं..योग्य न्यायाधीश को खरीदना पड़ता है..चल-अचल संपत्तियां का ढेर लगाना होता है..!!

एक योजना से पूरा प्रजातंत्र हिलाया जा सकता है..हम 'कर' चुकाना ही बंद कर दें.. हर तरह के 'कर'..!!!! ना सरकार को पैसा मिलेगा, ना ही हम पर इन 'ज़िम्मेदार और सत्यवादी' नेताओं को पालने के लिये कष्ट होगा..!!!

कहाँ से लाएगी सरकार पैसा..?? कहाँ से इन कठपुतलियों का नाच होगा..????


आक्रोश तो आज सबके अंतर्मन में है..परन्तु, आगे कोई आना नहीं चाहता..एक ही ढर्रे पर चलना आता है..'भेड़-चाल'..!!!!

'जो हो रहा है, होने दो..हमे क्या..??' आज पढ़े-लिखे समझदार लोग भी यहाँ सरकार में बैठे हैं..पर आज तक आपने किसी युवा की वाणी सुनी..??
कभी उनको कोई काम करते देखा..?? अपने क्षेत्र के लिये ही सही..!!!!

नहीं ना..!! ऐसा कभी होगा भी नहीं..इस सत्ता का मूल-रूप ही ऐसा है..!!!!


दक्षिण के जाने-माने विख्यात अभिनेता..श्री चिरंजीवी जी ने भी स्वय का एक दल बनाया..पर क्या हुआ...?? 'प्रजाराज्यम' को कांग्रेस के हाथों बेच दिया..!!!! और आज उनके दल की वेबसाइट http://www.prajarajyamby2009.com/ बिकाऊ है..!!!!

क्या सोचें..क्या करें..??? यहाँ किस को अपना प्रतिनिधि बना कर भेजें..??? सब एक जैसे..

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"एक ही रंग में ढले..
एक ही सुर में पले..
थामो सरकार की गाड़ी..
करो प्रार्थना अपना भाग्य फले..!!"

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सबका...यह ही राग है..!!!!



जय हिंद..!!!

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9 comments:

Sushil Bakliwal said...

सुन्दर प्रस्तुति... शुभागमन...!
हिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसके दि. 18-2-2011 को प्रकाशित आलेख "नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव" का अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । शुभकामनाओं सहित...
http://najariya.blogspot.com

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद बाकलीवाल साहब..!!

वीना श्रीवास्तव said...

आक्रोश तो आज सबके अंतर्मन में है..परन्तु, आगे कोई आना नहीं चाहता..एक ही ढर्रे पर चलना आता है..'भेड़-चाल'..
सही कहा है..यही है भेड़ चाल
http://veenakesur.blogspot.com/

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

प्रियंका जी
सस्नेहाभिवादन !

सच !
अच्छा लिखा है । देश और समाज में व्याप्त ख़ामियों पर क़लमकार को बोलना ही चाहिए

मेरी एक रचना की कुछ पंक्तियां ससम्मान आपको समर्पित है -
मौज मनाए भ्रष्टाचारी !
न्याय व्यवस्था है गांधारी !
लोकतंत्र के नाम पॅ
तानाशाही सहने की लाचारी !

हत्यारे नेता बन बैठे !
नाकारे नेता बन बैठे !
मुफ़्त का खाने की आदत थी
वे सारे नेता बन बैठे !

विचारोत्तेजक आलेख के लिए बधाई !

हार्दिक शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद वीणा जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद समय जी..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद राजेंद्र स्वर्णकार जी..!!

priyankaabhilaashi said...

संगीता आंटी..


बहुत आभारी हूँ..!!

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद हरीश सिंह जी..!!