Tuesday, September 25, 2012

...



भ्रष्टाचार और लालच ने अपने पैर इतनी सरलता से गहरे जमा लिए हैं कि कितना ही प्रयत्न करें हम असफल ही होंगे..!! आज अगर आपको या मुझे राजनीति में जाने के लिए कहा जाए तो, हम चले भी जायेंगे पर क्या हम स्वयं भी इन व्यसनों से बच पायेंगे(या यूँ कहें कि बचे रहने दिए जायेंगे)..??? आप किसी भी क्षेत्र में जाइए बिना पैसे खिलाये कोई काम नहीं होता है(या ऐसा कहना उचित होगा कि करने ही नहीं दिया जाता है)...

राष्ट्र-नेताओं ने अपने इस जीवन-काल में कितने ही काल (वर्तमान एवं भविष्य) के लिए व्यवस्था कर ली है..सात पुश्तें तो क्या अपने दूर-दराज़ के संबंधियों तक के लिए जमा-पूँजी तैयार है..इस का उदहारण नीचे दिए गए लिंक और वहाँ लिखे तथ्यों से मिलता है..

---
http://www.thehindu.com/business/Economy/article3539521.ece

The total overseas funds in Switzerland’s banking system stood at 1.53 trillion Swiss francs (about Rs. 90 trillion) at the end of 2011, which included 2.18 billion Swiss francs (Rs. 12,700 crore) belonging to Indian individuals and entities.SNB’s figures do not include the money that Indians or other nationals might have in Swiss banks in others’ names. The total funds held by Indian individuals and entities include 2.025 billion Swiss francs held directly by them and 158 million held through ‘fiduciaries’ or wealth managers.Amid allegations of Indians stashing huge amounts of illicit wealth abroad, including in Swiss banks, the government says it is making various efforts to bring back the unaccounted money.

As per SNB data, funds held by Indians directly in the Swiss banks increased by about 370 million Swiss francs to 2.025 billion Swiss francs (Rs 11,800 crore) in २०११.
--

सब मज़ा लूटिये, जब तक शासन में है..कल किसने देखा है..??

आज तो पेड़ जिंदा हैं, जल्दी से फल खाओ..कोई बीच में आये तो एक-आध उसको भी दे दो.. अन्यथा दामन भर लो इन पेड़ों के फल से..कल अगर निष्कासित हो गए तो हमे कौन सँभालेगा और अगर जेल-वेळ हो गयी तो और भी दिक्कत..!! क्यूँकी जेल में भी जो ज्यादा पेड़ वाला होता है उसी का आदर-सत्कार भली-भाँति होता है..नहीं तो कौन पूछेगा इन्हें..??

...

No comments: